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पितासि लोकस्य चराचरस्य त्वमस्य पूज्यश्च गुरुर्गरीयान्।
न त्वत्समोऽस्त्यभ्यधिकः कुतोऽन्योलोकत्रयेऽप्यप्रतिमप्रभाव॥
Pitasi lokasya characharasya
tvam asya pujyas cha gurur gariyan
na tvat-samo ‘sty abhyadhikah kuto ‘nyo
loka-traye ‘pya apratima-prabhava॥
#TeamLostTemples
चिरंजीवी हनुमानजी के जन्म स्थान और जन्मतिथि को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं। बाल्मिकी रामायण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि मंगलवार के दिन स्वाती नक्षत्र में कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन हनुमानजी प्रकट हुये थे। एक अन्य मान्यता के अनुसार चैत्र पूर्णिमा को बजरंगबली का जन्म हुआ था।