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हे नाथ! हे मेरे नाथ! मैं आपको भूलूँ नहीं!! ✨
शिवजी का ऐसा स्वभाव है कि जगत् को जिसकी जरूरत है, उसका वे त्याग कर देते हैं। जगत् जिसका त्याग करता है— शिव उसको अपनाते है। - सन्त डोंगरेजी महाराज