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#ध्यान
ध्यान एक यौगिक प्रक्रिया है। ध्यानयोग की चरम उपलब्धि है - "समाधि"।
बिना समाधि को उपलब्ध हुए अन्तर्जगत् में प्रवेश नहीं किया जा सकता। अंतर्जगत का अर्थ है - सूक्ष्म जगत। जब तक सूक्ष्म जगत में प्रवेश कर, सूक्ष्म शरीर द्वारा साधना प्रारंभ नहीं की जाती,...
जन्माष्टमी पर विशेष -
🚩पूजा की विधि :
स्नान आदि करने के बाद पूजा प्रारंभ करें, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बालस्वरूप की पूजा का विधान है। पूजा प्रारंभ करने से पूर्व भगवान को पंचामृत और गंगाजल से स्नान करवाएं। इसके बाद नए वस्त्र पहनाएं और उनका श्रंगार करें। भगवान को मिष्ठान...