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द्विबिद मयंद नील नल अंगद गद बिकटासि। दधिमुख केहरि निसठ सठ जामवंत बलरासि॥ द्विविद, मयंद, नील, नल, अंगद, गद, विकटास्य, दधिमुख, केसरी, निशठ, शठ और जाम्बवान ये सभी बल की राशि हैं॥ रामजी की सेना का परिचय (thread)-
हरि सेवकहि न ब्याप अबिद्या। प्रभु प्रेरित ब्यापइ तेहि बिद्या॥ ताते नास न होइ दास कर। भेद भगति बाढ़इ बिहंगबर॥
रामहि केवल प्रेमु पिआरा। जानि लेउ जो जान निहारा॥