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हम सब की एक लता हैं। जैसे इस पेंटिंग में मित्र @VermaShital की हैं।असंख्य गीत, उससे जुड़ी याद और गुनगुनाहट में—फिर चाहे हम कितना बुरा क्यों न गाते हों—वहाँ लता हैं। लता का सबसे मुक़म्मल पता आवाज़ है। मंगलेश कह गए हैं, आवाज़ भी एक जगह है। वह जगह कभी जा नहीं सकती।कभी खो नहीं सकती।