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सूरज की पहली किरण से,
आशा का सवेरा जागे ...
चंदा की किरण से धुल कर,
घनघोर अंधेरा भागे...
कभी धूप खिले कभी छाँव मिले
लम्बी सी डगर न खले
जहाँ ग़म भी नो हो, आँसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले...🎵🎶🎧
#कागज_कलम 📜🖊️
#शुभरात्रि 😴