"दुआ जुबॉं से नहीं दिल से निकलती है,
क्‍योंकि दुआ तो उनकी भी कबूल होती है,
जिनकी जुबां नहीं होती है।"
झूठ और अहंकार के चलते व्यक्ति
अपने अपनो को खोने लगता है।…"

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