कल्पनाओं का श्वेत रंग
उम्मीदों की जमीन पर
पसर जाता है
फिर स्मृतियों के रंग
में घुलकर
पूरे आकाश में छा जाता है
इंद्रधनुष बनकर....!!
~पूजा झा

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