अब दो चेहरे हैं मेरे, एक मेरा एक आप का
एक सच्चा, एक बनते बिगड़ते हालात का,
मेरे में
कुछ दर्द छुपा है, कुछ भाव छुपा है
कुछ बातें अनकही सी, और कुछ धैर्य छुपा है
चंद उम्मीदें टूटी सी...

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