//=time() ?>
#ShivaVandana
जब हुआ सागर का मंथन
विष का चश्मा फूट गया
देव दैत्य के हाथों से
नाग वासुकी छूट गया
तीनों लोक में त्राहि त्राहि
ब्रह्मा भी घबराए थे
दौड़े दौड़े सब प्राणी तब
शरण कैलाश की आए थे।
अदियोगी शिव शम्भू ने
भय का तब निदान किया
भर कर प्याला उस विष से
शंकर ने विषपान किया