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कल्पनाओं का श्वेत रंग उम्मीदों की जमीन पर पसर जाता है फिर स्मृतियों के रंग में घुलकर पूरे आकाश में छा जाता है इंद्रधनुष बनकर....!! ~पूजा झा #लेखनी✍️ #शब्दनिधि