//=time() ?>
राम लखन अरु हनुमंत वीरा
मानहु पारथी संमुत हीरा
तीनो होत सुसोभित ऐसे
तीन लोक एक संग हो जैसे।।
जय श्री राम 🙏🏻🚩
“वर्ष सुमन सुर सकल सिहाही
येहि सम पुण्य पुंज को नाही
चरणामृत के पान कीये ते
कछुक भरोसो पइहो
अब निर्भय नाव चढ़इ हो
अब निर्भय नाव चढ़इ हो।”
सियावर रामचंद्र की जय 🙏🏻🙇♂️
सूरज की पहली किरण से,
आशा का सवेरा जागे ...
चंदा की किरण से धुल कर,
घनघोर अंधेरा भागे...
कभी धूप खिले कभी छाँव मिले
लम्बी सी डगर न खले
जहाँ ग़म भी नो हो, आँसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले...🎵🎶🎧
#कागज_कलम 📜🖊️
#शुभरात्रि 😴