कण-कण में शिव का वास है जन-जन में व्याप्त श्री राम।
मां जानकी हृदय बिराजे, मन को भावे श्री हनुमान।।

जय-जय श्री राम 🙏💐🚩

127 258

शिवत्व को जाने बिना शिवोहम कहने वाले लोग आडंबरी है शिव चेतना है पंचतत्व है शिव जब विष को धारण कर उसके ताप से लड़ रहे थे तब प्रकृति ने अपने अमृतवर्षा से उन्हें इस ताप से मुक्त किया। इसीलिए जल अभिषेक किया जाता है जो अपने अंदर के ताप को मिटा न सके वो शिवभक्त नही

1 5

।। हर हर महादेव ।।

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||

सावन मास की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं ।

ॐ नमः शिवाय । 🕉️

0 2

यदातमस्तन्न दिवा न रात्रिर्न सन्न चासन्छिव एव केवल: - शिव मात्रै थिए, छन् र रहिरहने छन ।
हर हर महादेव ।।

2 30

मैंने खुदको खुद ही बंधा
अपनी खींची लकीरों में

मैं लिपट चूकी थी
इच्छा की जंजीरों में

शिव प्राणों में उतर रहे
और मैं मुक्त हो रही हूँ
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शुन्य हो रही
हूँ ❤️

20 2

!! ॐ!!
‼️🌷ॐ नमः शिवाय🌷‼️
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्!
उर्वारूकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्!!
🙏
🙏🚩
🥀🥀🥀 जय जय श्री राम 🥀🥀🥀

26 83

इतना आसान नहीं है शिव होना; बिना आंह भरे विष का कड़वा घूंट पीना पड़ता है।

198 934

संयम...

एक युद्ध... अपने ही विरुद्ध !

🌿हरि ॐ नमः शिवाय 🌿
💐 शुभ सोमवार मित्रो💐

93 172

🌺केदारनाथ को क्यों कहते हैं ‘जागृत महादेव’ ? आइए सुनें महादेव भक्त की भक्ती की एक अत्यंत सुंदर कथा।🌺

एक बार एक शिव-भक्त अपने गांव से केदारनाथ धाम की यात्रा पर निकला। पहले यातायात की सुविधाएँ तो थी नहीं, वह पैदल ही निकल पड़ा। रास्ते में जो भी मिलता केदारनाथ का मार्ग पूछ लेता।

341 1531

शिवजी का ऐसा स्वभाव है कि जगत् को जिसकी जरूरत है, उसका वे त्याग कर देते हैं। जगत् जिसका त्याग करता है— शिव उसको अपनाते है।

- सन्त डोंगरेजी महाराज

60 331

श्रीमात्रे नमः
शिवाय गुरवे नमः

Artist : https://t.co/yd6zJrgZCD

4 31

अपने भोले भंडारी युगों से विषपान करते आ रहे हैं। इस युग में भी कर रहें हैं।
भाई चारे के नाम पर केवल हिंदुओं की आस्था का केवल मजाक बनाया जाता है

5 6

ऐसे विधर्मियो, अत्याचारी, दुष्ट को कदाचित कभी भगवान माफ़ नही करेंगे, शिवलिंग का पवित्र स्थल मस्जिद का वजू खाना है ??

🤬😡😥

33 27

शुभ सोमवार! भगवान भोलेनाथ सब पर अपनी कृपादृष्टि बनाए रखें।सब स्वस्थ और सुखी रहें। सबका जीवन सुखद और सरल हो। "ऊँ श्रां श्रीं श्रौ सः चन्द्रमसे नमः।" ऊँ नमः शिवाय,रुद्राय, नंदीश्वराय,नीलकण्ठाय। "ऊँ अमृतांगाय विद्महे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमः प्रचोदयात्।" सब का भला सर्बत का भला।

12 28

आदिदेव महादेव के पर्व की आपको हार्दिक शुभकामनाएं

0 0