~कवन सो काज कठिन जग माहीं,
जो नहिं होइ तात तुम पाहीं..!!

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प्रिय मित्रों

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★आशुतोष तुम अवढरदानी,
आरत हरहु दीन जन जानी..!!



प्रिय मित्रों-

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