जब हुआ सागर का मंथन
विष का चश्मा फूट गया
देव दैत्य के हाथों से
नाग वासुकी छूट गया
तीनों लोक में त्राहि त्राहि
ब्रह्मा भी घबराए थे
दौड़े दौड़े सब प्राणी तब
शरण कैलाश की आए थे।

अदियोगी शिव शम्भू ने
भय का तब निदान किया
भर कर प्याला उस विष से
शंकर ने विषपान किया

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अनंतशयनी भगवान विष्णु क्षीरसागर विराजमान
सहस्त्रफन शेषनाग अनंत?
Lord Vishnu on SheshNaag or Ananta in Ksheersagar, Devi Maha Lakshmi too there.
Kalighat Painting from Kolkata, ca. 1850-1870

though style of dress of devi Lakshmi & attendant seems Rajasthani? Rajputani?

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दूर करे भय भक्त का ,,
🪅~~दुर्गा माँ का पावन रूप..!
बल और बुद्धि बढ़ाये ,,
🪅~~माँ देती सुख की धूप....!



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।। जय माता दी।।🚩🙏🌹
प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागर: तारणीम्।
धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यम्॥

त्रिलोजननी त्वंहि परमानंद प्रदीयमान्।
सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यहम्॥

चराचरेश्वरी त्वंहि महामोह: विनाशिन।
मुक्ति भुक्ति दायनीं शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥

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प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागर: तारणीम्।
धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यम्॥

🙏🙏🌹🌹🌺🌺❤️

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ट्विटर पर मेरे समस्त को 💞
शुभरंग 👉 लाल ❤️

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अब तू बन जाना
♥️~~मैं अब होना चाहता हूं..!
खूब की तूने तपस्या अब,
♥️~~खुद को आजमाना चाहता हूं..!



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मन मंदिर में सजे बिहारी
मनमोहन तेरी छवि अति प्यारी

बंसी बजैया, रास रचैया
तारनहार मेरे तुम ही खेवैया
तुमसे बड़ा कहाँ कौन कन्हैया
लीला अपरम पार तेरी
तू माखन चोर कहावे
भवसागर से सबकी नैया
तू ही पार लगावे
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय 🙏
Image by

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।।जय हनुमान ज्ञानगुण सागर।।
बचपन में साल भर बीमारी और कमज़ोरी की वजह से बिस्तर पर था, पैर इतने कमज़ोर हो गये थे कि सात वर्ष की आयु में फिर से चलना सीखा.
हनुमान चालीसा गुटका उन दिनों मेरा संबल बना, मुझे नयी शक्ति मिली.

पर श्रद्धा में छिपी शक्तियों को पहचानिए

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माँ )
🕉️#जय_श्री_कृष्ण


“सैकड़ों फूल चाहियें माला बनाने के लिए,
कई दीपक चाहियें आरती सजाने के लिए,
अनगिनत बूँद चाहियें सागर बनाने के लिए,
सिर्फ एक माँ ही काफी है,
हमारी ज़िन्दगी स्वर्ग बनाने के लिए।”

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Be courageously kind, love and be one with the music of life.
By
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।

जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥

राम दूत अतुलित बल धामा ।

अञ्जनि-पुत्र पवनसुत नामा ॥
की शुभकामनायें
🙏🙏🙏

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Be courageously kind, love and be one with the music of life.
By
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।

जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥

राम दूत अतुलित बल धामा ।

अञ्जनि-पुत्र पवनसुत नामा ॥
की शुभकामनायें

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T 2759 - जय हनुमान ज्ञान गुण सागर ; जय कपीश तिहूँ लोक उजागर ;
राम दूत अतुलित बल धामा ; अंजनी पुत्र पावन सुत नामा

4334 43805

यदि सफलता को प्राप्त करना है तो अपने मनके सागर में गोता लगाओ यारों और देखो कि आप अपनी जिंदगी में कौन सा रंग भरना चाहते
देखो कि आप अपनेआप को किस रूप में देखना चाहते हैं
अपनी इच्छा को और अपने सपनेको अपने मनके आईने के सामने रख करतो देखो बिलकुल साफ़ नजर आ जायेगाकि आप क्या चाहते हैं

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